किया है प्यार हमने जिसे जिन्दगी की तरह
वो आशना भी मिला हमे अजनबी की तरह
सितम तो ये है कि वो भी न बन सका अपना
कुबूल हमने किये जिसके गम ख़ुशी कि तरह
बढ़ा कर प्यास मेरी उसने हाथ छोड़ दिया
वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल लगी की तरह
कभी न सोचा था हमने 'कतील' उसके लिए
करेगा वो भी सितम हमपे हर किसी की तरह
कोमल भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंआपकी यह पोस्ट आज के (१७ दिसम्बर, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - कैसे कैसे लोग ? पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई
जवाब देंहटाएंकतील साहब की लाजवाब गज़ल के लिए शुक्रिया ...
जवाब देंहटाएंAURAT NAM HI LOVE & SECRIFISE HAI, SO SHE IS LOVER & WIFE.
जवाब देंहटाएंNO AGREE WITH UNDER NOTED CONTENTS:
KOAN HO AUR KYO HOO !
SUKH VARKASH HOO
PANI KAI LIYEA KHOJ RAHA HOO
ZAMEEN, KYA TUM HOO?