सोमवार, 21 जनवरी 2013
मंगलवार, 15 जनवरी 2013
हस्तीमल हस्ती
प्यार
का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है,
नये
परिन्दों को उड़ने में वक़्त तो लगता है |
जिस्म
की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था,
लम्बी
दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है |
गाँठ
अगर पड़ जाए तो फिर रिश्ते हों या डोरी,
लाख
करें कोशिश खुलने में वक़्त तो लगता है |
हमने
इलाज-ए-ज़ख़्म-ए-दिल तो ढूँढ़ लिया है,
गहरे
ज़ख़्मों को भरने में वक़्त तो लगता है।
-हस्तीमल हस्ती
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